दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है?
प्राणियों के शरीर में दो तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) एक-दूसरे के साथ जुड़कर श्रृंखला बनाते हैं और सुचना आगे प्रेषित करते हैं। सुचना एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमाकृतिक सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया के द्वारा एक विद्युत् आवेग उतपन्न करती है। यह आवेग द्रुमिका से कोशिकाओं तक पहुँचता है और ताँत्रिकाक्ष में होता हुआ इसके अंतिम सिरे तक पहुंच जाता है।
तंत्रीकाक्ष के अंत में विद्युत् आवेग के द्वारा कुछ रसायनों को उतपन्न कराया जाता है जो रिक्त स्थान (सिनेप्टिक दरार) को पार कर अपने से अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में इस प्रकार विद्युत् आवेश को आरंभ कराते हैं। यह तंत्रिका आवेग की मात्रा की सामान्य योजना है।इसी प्रकार का एक अंतर्ग्रथन ऐसे आवेगों को तंत्रिका कोशिकाओं या ग्रंथियों तक ले जाता है।