स्वतंत्रता की नकारात्मक और सकारात्मक अवधारणा में क्या अंतर है ?
स्वतंत्रता की नकारात्मक और सकारात्मक अवधारणा में अंतर निम्नलिखित हैं:
स्वतंत्रता की नकारात्मक अवधारणा | स्वतंत्रता की सकारात्मक अवधारणा |
1. स्वतंत्रता की नकारात्मक अवधारणा का अर्थ हैं बंधनों का न होना।अर्थात् व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार कार्य करने की छूट। | 1. स्वतंत्रता की सकारात्मक अवधारणा का अर्थ बंधनों का आभाव नहीं हैं। |
2. नकारात्मक स्वतंत्रता के अनुसार कानून व स्वतंत्रता परस्पर विरोधी हैं। कानून स्वतंत्रता की रक्षा नहीं अपितु उसे नष्ट ही करते हैं। | 2. सकारात्मक स्वतंत्रता के अनुसार कानून व स्वतंत्रता परस्पर सहयोगी हैं। कानून स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं। |
3. नकारात्मक स्वतंत्रता के अनुसार व्यक्तिगत हित और सामाजिक हित दोनों अलग-अलग होते हैं। | 3. सकारात्मक स्वतंत्रता के अनुसार व्यक्ति के हित और समाज के हितों में कोई विरोध नहीं होता । |
4. नकारात्मक स्वतंत्रता का तर्क यह स्पष्ट करता है कि व्यक्ति क्या करने से मुक्त हैं। | 4. सकारात्मक स्वतंत्रता के तर्क 'कुछ करने की स्वंतत्रता' के विचार की व्याख्या से जुड़े हैं। |
5.नकारात्मक स्वतंत्रता का सरोकार अहस्तक्षेप केअनुलंघनीय क्षेत्र से है, इस क्षेत्र से बाहर समाज की स्थितियों से नहीं। | 5. सकारात्मक स्वतंत्रता के पक्षधरों का मानना है कि व्यक्ति केवल समाज में ही स्वतंत्र हो सकता है, समाज से बाहर नहीं और इसीलिए वह इस समाज को ऐसा बनाने का प्रयास करते हैं, जो व्यक्ति के विकास का रास्ता साफ करे। |