बच्चों के जन्म के समय की तुलना किससे की गई है और क्यों?


बच्चों के जन्म के समय की तुलना कपास से की गई है। इसका कारण यह दै कि जिस प्रकार कपास कोमल होती है उसी प्रकार बच्चे भी जन्म के समय अत्यंत सुकुमार (नाजुक) होते हैं। पृथ्वी भी उनका सस्पर्शकरने को लालायित रहती है।

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बच्चों की दुनिया के बारे में क्या बताया गया है?


इस कविता में बच्चों की दुनिया के बारे में यह बताया गया है कि वे पतले कागज और बाँस की कमानी वाली पतंग को आसमान में उड़ा सकें। पतंग को आसमान में उड़ता हुआ देखकर बच्चे सीटियाँ बजाने और किलकारी मारने लगते हैं। बच्चों का संसार तितलियों के समान मोहक होता है।

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बच्चे पतंग उड़ाते हुए किस खतरनाक स्थिति तक पहुँच जाते हैं? तब उन्हें कौन बचाता है?


बच्चे पतंग उड़ाते हुए छतों के खतरनाक किनारों तक पहुँच जाते हैं। तब उन्हें इन खतरनाक किनारों से गिरने से -कवल उनके शरीर का रोमांचित संगीत ही बचाता है।

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कवि के पतंग के साथ बच्चों के बारे में क्या संबंध स्थापित किया है?


कवि ने पतंग के साथ बच्चों के बारे मे संबंध स्थापित करते हुए कहा है कि बच्चे भी पतंग के साथ उड़ते हुए प्रतीत होते हैं।

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कवि ने बच्चों के दौड़ने का वर्णन किस प्रकार किया है?


कवि ने बच्चों के दौड़ने का वर्णन करते हुए कहा है कि उनके पैसे के पास धरती घूमती हुई आती है। इसके अलावा जब वे व्याकुल होकर दौड़ते हैं तो छतों को भी कोमल बना देते हैं तथा वे दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हैं।

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