कुछ लोगो के भगवान मंदिर में तो कुछ लोगो के भगवान मस्जिद में रहते है | कुछ लोगो ने अपने भगवान के लिए गिरझाघर बनाए है | एक ही भगवान को लोगो ने अलग-अलग ढंग से देखा है | वे उनकी अलग-अलग तरीके से पुज्हा करते है | इस तरह लोगो ने भगवान को वाट लिया है |
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कविता के अनुसार अब तक किना चीजो का बटवारा हो चुका है ?
निम्नलिखित काव्य-पंक्ति का भावार्थ बताइए :
अभी रह तो शुरू हुई है, मंजिल बैठी दुर है | उजियाला महलो में बंदी, हर दीपक मजबूर है ||