General

रे राजहंस किमिति त्वमिहाSSगतोऽसि

रे राजहंस किमिति त्वमिहाSSगतोऽसि
योSसौ बकः स इह हंस इति प्रतीतः ।
तद्गम्यतामनुपदेन पुनः स्वभूमौ
यावद्वदन्ति च बकं खलु मूढ लोकाः ॥
– सुभाषित रत्नाकर (शार्ङ्गधर )


भावार्थ –

अरे राजहंस ! तुम यहां क्यों आये हो?
यहां तो जो बगुले होते हैं वे ही हंस कहलाते हैं।
इस लिये तुम जब तक यहां के मूर्ख लोग तुम्हें भी बगुला समझें
तुम उलटे पांव यहां से अपने मूल निवासस्थान को वापस चले जाओ।

प्रस्तुत सुभाषित एक ‘हंसान्योक्ति’ के रूप से संकलित है। संस्कृत साहित्य में राजहंस का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती का वह वाहन है तथा यह भी मान्यता है कि उसमे नीर-क्षीर विवेक (दूध मिले हुए जल में दूध और जल को अलग करना ) की शक्ति होती है और वे मानसरोवर के जल में विहार करते हैं। ऐसा हंस यदि किसी ऐसे स्थान में जहां बगुलों का बाहुल्य हो जाय तो उस का सम्मान नहीं हो सकता है। लाक्षणिक रूप से इसका तात्पार्य यह है कि जिस सभा या स्थान में मूर्खों का बाहुल्य और आधिपत्य हो उस स्थान में विद्वान और योग्य व्यक्ति का सम्मान नहीं होता है और वहां न रहने में ही भलाई है।

Re raajhamsa kimiti tvamihaagatosi
Yosau bakah sa iha hansa iti prateetah.
Tadgamyataamanupadena punh svabhoomau.
Yaavadvadanti cha bakam khalu moodha lokaah.

O beautiful Swan! why have you come to this place? Here cranes are known as swans. Therefore, so long as you are certainly treated as a crane by the foolish inhabitants of this place, it is better for you to go back immediately to your original place of living.

Pankaj Patel

कक्षा 12 मे जीव विज्ञान पसंद था फिर भी Talod कॉलेज से रसायण विज्ञान के साथ B.sc किया। बाद मे स्कूल ऑफ सायन्स गुजरात युनिवर्सिटी से भूगोल के साथ M.sc किया। विज्ञान का छात्र होने के कारण भूगोल नया लगा फिर भी नकशा (Map) समजना और बनाना जैसी पूरानी कला एवम रिमोट सेंसिंग जैसी नयी तकनिक भी वही सीखी। वॉशिंग पाउडर बनाके कॅमिकल कारखाने का अनुभव हुआ तो फूड प्रोसेसिंग करके बिलकुल अलग सिखने को मिला। मशरूम के काम मे टिस्यु कल्चर जैसा माईक्रो बायोलोजी का काम करने का सौभाग्य मिला। अब शिक्षा के क्षेत्र मे हुं, अब भी मै मानता हूँ कि किसी एक क्षेत्र मे महारथ हासिल करने से अलग-अलग क्षेत्रो मे सामान्य ज्ञान बढाना अच्छा है। Follow his work at www.zigya.com

More Posts

Pankaj Patel

कक्षा 12 मे जीव विज्ञान पसंद था फिर भी Talod कॉलेज से रसायण विज्ञान के साथ B.sc किया। बाद मे स्कूल ऑफ सायन्स गुजरात युनिवर्सिटी से भूगोल के साथ M.sc किया। विज्ञान का छात्र होने के कारण भूगोल नया लगा फिर भी नकशा (Map) समजना और बनाना जैसी पूरानी कला एवम रिमोट सेंसिंग जैसी नयी तकनिक भी वही सीखी। वॉशिंग पाउडर बनाके कॅमिकल कारखाने का अनुभव हुआ तो फूड प्रोसेसिंग करके बिलकुल अलग सिखने को मिला। मशरूम के काम मे टिस्यु कल्चर जैसा माईक्रो बायोलोजी का काम करने का सौभाग्य मिला। अब शिक्षा के क्षेत्र मे हुं, अब भी मै मानता हूँ कि किसी एक क्षेत्र मे महारथ हासिल करने से अलग-अलग क्षेत्रो मे सामान्य ज्ञान बढाना अच्छा है। Follow his work at www.zigya.com

Recent Posts

Understanding Standard Form of Numbers: An Explanation With Examples

Through the standard form offers different advantages in mathematical calculations and scientific notation. Firstly, it…

5 months ago

How to deal with stress and anxiety in college

Introduction Stress is a feeling caused by an external trigger that makes us frustrated, such…

6 months ago

Why is Sociology Important These Days?

Sociology is a broad discipline that examines societal issues. It looks at the meaningful patterns…

6 months ago

How to Convert Inches to mm

Some info about Inch Inches are a unique measure that persuades us that even the…

8 months ago

Antilogarithms – Definition, Methods, and Examples

You should be familiar with logarithms to understand antilogarithms in a better manner. Logarithms involve…

10 months ago

नाटककार सुरेंद्र वर्मा

यहां "नाटककार सुरेंद्र वर्मा" पुस्तक की पीडीएफ विद्यार्थी, शोधार्थी और जो इसका अभ्यास के लिए…

10 months ago