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अश्वस्य भूषणं वेगो मत्तं स्याद् गजभूषणम् । चातुर्यं भूषणं नार्या उद्द्योगो नर भूषणम् ॥

Pankaj Patel 0
अश्वस्य भूषणं वेगो मत्तं स्याद् गजभूषणम् ।
चातुर्यं भूषणं नार्या उद्द्योगो नर भूषणम् ॥

अश्वस्य भूषणं वेगो मत्तं स्याद् गजभूषणम् ।
चातुर्यं भूषणं नार्या उद्द्योगो नर भूषणम् ॥

भावार्थ:

घोडे की शोभा (प्रशंसा) उसके वेग के कारण होती है और हाथी की उसकी मदमस्त चाल से होती है। नारियों की शोभा उनकी विभिन्न कार्यों मे दक्षता के कारण और पुरुषों की उनकी उद्द्योगशीलता के कारण होती है।

English

Ashwasya bhooshanam vego mattam syaad gajbhooshanam.
Chaaturyam bhooshanam naaryaa uddyogo nara bhooshanam.

Adornment of a horse is in his speed and that of an elephant in his majestic gait like a drunken person. Women are adorned and appreciated for their skills and men for their industriousness and perseverance.

(इससे पहले का सुभाषित – उत्तमो नातिवक्ता स्यात् अधमो बहु भाषते । न कान्चेन ध्वनिस्तादृक यादृक् कांस्ये प्रजायते ॥

Pankaj Patel

कक्षा 12 मे जीव विज्ञान पसंद था फिर भी Talod कॉलेज से रसायण विज्ञान के साथ B.sc किया। बाद मे स्कूल ऑफ सायन्स गुजरात युनिवर्सिटी से भूगोल के साथ M.sc किया। विज्ञान का छात्र होने के कारण भूगोल नया लगा फिर भी नकशा (Map) समजना और बनाना जैसी पूरानी कला एवम रिमोट सेंसिंग जैसी नयी तकनिक भी वही सीखी। वॉशिंग पाउडर बनाके कॅमिकल कारखाने का अनुभव हुआ तो फूड प्रोसेसिंग करके बिलकुल अलग सिखने को मिला। मशरूम के काम मे टिस्यु कल्चर जैसा माईक्रो बायोलोजी का काम करने का सौभाग्य मिला। अब शिक्षा के क्षेत्र मे हुं, अब भी मै मानता हूँ कि किसी एक क्षेत्र मे महारथ हासिल करने से अलग-अलग क्षेत्रो मे सामान्य ज्ञान बढाना अच्छा है। Follow his work at www.zigya.com

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