आचार्य चाणक्य के पथदर्शक सूत्र – सब को ज्ञात ही है की महान विचारक, राजनीतिज्ञ चाणक्य ने सहस्त्राब्दिओ पहले भारतवर्ष के सबसे महान साम्राज्य के निर्माण मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके विचार आज भी प्रस्तुत है। हम उनकी सीख से जीवन उन्नत बनाए। उनके विचार जीवन के हर क्षेत्र मे मार्गदर्शक है।
शिक्षक महान क्यू है?
शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद मे पलते है।
सर्वाधिक दुखदायी क्या है?
कठोर वाणी अग्निदाह से भी अधिक तीव्र दु:ख पहुंचाती है।
संग्रह किस का करे?
जो व्यक्ति किसी नाशवंत चीज के लिए कभी नाश नहीं होने वाली चीज को छोड़ देता है, तो उसके हाथ से अविनाशी वस्तु तो चली ही जाती है और इसमे कोई संदेह नहीं की नाशवान को भी वह खो देता है।
साथ किसका न दे ?
दुष्ट पत्नी, झूठा मित्र, बदमाश नौकर और सर्प के साथ निवास साक्षात् मृत्यु के समान है।
परीक्षा किसकी कब करे?
नौकर की परीक्षा तब करें जब वह कर्त्तव्य का पालन न कर रहा हो,
रिश्तेदार की परीक्षा तब करें जब आप मुसीबत मे घिरें हों,
मित्र की परीक्षा विपरीत परिस्थितियों मे करें,
और जब आपका वक्त अच्छा न चल रहा हो तब पत्नी की परीक्षा करे।
तप का फल क्या होता है?
भोजन के योग्य पदार्थ और भोजन करने की क्षमता, सुन्दर स्त्री और उसे भोगने के लिए काम शक्ति, पर्याप्त धनराशी तथा दान देने की भावना – ऐसे संयोगों का होना सामान्य तप का फल नहीं है।
आचार्य चाणक्य के इन विचारो का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो, सभी इससे लाभान्वित हो।
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regards and in Advance